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दिसंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हम नहीं चाहते हैं

हम नहीं चाहते हैं कि मुझसे कोई गलती हो अगर भूल से भी कोई गलती हो जाए तो सजा पाने को अपना सर झुका लेता हूँ और कुबूल करता हूं कि जो सजा मुझे मिल रही है वह जायज है अपने त्रुटि को हर वक्त सुधारने की कोशिश करता हूं 1. लाख मैंने कहा बेकसूर हूं झूठे सुबूत और झूठे गवाहों पर सजा मुझको सहनी पड़ी खुद खुशी के अलावा कोई रास्ता न था

खुद को तनहा तनहा सा महसूस करता हूं

 खुद को तनहा तनहा सा महसूस करता हूं तुम्हारी यादों में लौट कर नहीं आना था तो बता दिया होता इंतजार में घुट घुट के मरने से क्या फायदा एक झटके में खुद को मिटा लिया होता