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हम नहीं चाहते हैं

हम नहीं चाहते हैं कि मुझसे कोई गलती हो अगर भूल से भी कोई गलती हो जाए तो सजा पाने को अपना सर झुका लेता हूँ और कुबूल करता हूं कि जो सजा मुझे मिल रही है वह जायज है अपने त्रुटि को हर वक्त सुधारने की कोशिश करता हूं
1. लाख मैंने कहा बेकसूर हूं झूठे सुबूत और झूठे गवाहों पर सजा मुझको सहनी पड़ी खुद खुशी के अलावा कोई रास्ता न था

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हम उसकी सोहबत को तरसते हैं

हम उसकी सोहबत को तरसते हैं मेरे जिंदगी में उसके प्यार के फूल बरसते हैं उसकी इनायत है मेरे आस-पास खुशनुमा माहौल रहता है डरते हुए उसको रोकने की कोशिश करता हूं वह जब कभी फिसलती है 

आंसू गिरकर सूख जाते हैं

आंसू गिरकर सूख जाते हैं उसको दया नहीं आती है मैं भी अपने दिल को समझाकर सो जाता हूं आधी रात को घर से निकलना कौन चाहता है